Nithari Crime In Delhi

भारत के आपराधिक इतिहास मे कई ऐसे केस हुए है , जिन्हे भुलाया नहीं जा सकता है । उनमे से ही एक केस का नाम है निठारी कांड ।
जिसे सुनकर आप की रूह काप जाएगी । ये केवल एक हत्या की कहानी नहीं है बल्कि एक ऐसा रहस्य है जिसने इंसानियत की हदहे ही पार कर दी और कानून पर भी सवाल उठा दिया था ।


निठारी कांड

 क्या है निठरी कांड ?

साल 2005-2006 मे नोएडा के सेक्टर-31मे कुछ ऐसा होता है । जिसको सुनकर वहा के लोगों का कलेजा फट गया था ।
निठारी गाव मे अचानक से ही छोटे-छोटे बच्चे गायब होने लगे । वो बच्चे गरीब परिवार से होने के कारण वहा की पुलिस भी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही थी । और कुछ ही महीनों मे दर्जनों बच्चे गायब हो गए थे ।

हड्डियों के ढेर का मिलना

दिसम्बर 2006 मे अचानक एक खुलासा से वहा पर हुड़दंग मच गया था । निठारी के एक बड़े घर के पीछे मानव खोपड़ीया और हड्डिया मिली । और जब पुलिस ने वहा पर खुदाई करवाई तो वह से दर्जनों कंकाल निकलने लगे थे । इस को देखने के बाद वह पर खड़े हर एक की रूह काप गई ।

आरोपी कौन थे ?

पुलिस की जाच मे दो नाम सामने आए :

⦁ मोनिन्दर सिंह पढेर -घर का मालिक

⦁ सुरेन्द्र कोली -उसका नोकर

पुलिस के अनुसार , कोली बच्चों को बहला -फुसलाकर घर मे लाता , उनका शोषण करता था और फिर उनकी हत्या कर देता था । और कहते है कि वो उनको कहते थे ।

जाच और विवाद

CBI ने जांच की और सुरेन्द्र कोली को ''सीरियल किलर '' करार दे दिया । अदालत ने उसे कई मामलों मे उसे फासी की सजा सुनाई थी , लेकिन विवाद खतम नहीं हुआ था ।

⦁ आपको क्या लगता है कि क्या सुरेन्द्र कोली ने ही ये सब अकेले किया था या नहीं ?

⦁ आपको क्या लगता है की पढ़ेर निर्दोष है या उसके भी कई काले राज है ?

क्यों अब भी रहस्य बना हुआ है ?

हालाकी कोली को तो सजा मिल चुकी है , लेकिन निठारी कांड को पूरी तरह सुलझा हुआ नहीं माना जाता ।

⦁ कुछ परिवारों का कहना है कि इसमे और भी लोग शामिल थे ।

⦁ उनका माना है कि इसमे कई बड़े लोगों के नाम बचाने के लिए असली सच को छुपा दिया गया ।

निष्कर्ष

निठारी कांड एक अपराध की कहानी नहीं है ये उन बच्चों की चीख है जो अनसुनी रह गई । 

आपकी इस केस पर क्या राय है ?

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