यह कहानी आज भी इतिहासकारों, रहस्य प्रेमियों और वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
घटना का विवरण
स्थान: वूलपिट, इंग्लैंड
वूलपिट एक छोटा सा गाँव है जो इंग्लैंड के सफ़्फ़ोक क्षेत्र में स्थित है। 12वीं सदी में यहाँ के निवासी एक दिन चौंक गए जब उन्होंने गाँव के पास दो छोटे बच्चों को देखा — एक लड़का और एक लड़की।
अजीब भाषा और व्यवहार वे कोई भी ज्ञात भाषा नहीं बोलते थे।
उन्होंने गाँव के भोजन को खाने से इनकार कर दिया — जब तक उन्हें कच्ची फलियाँ नहीं दी गईं, उन्होंने कुछ नहीं खाया।
धीरे-धीरे लड़की ने स्थानीय भाषा सीख ली, लेकिन लड़का बीमार पड़ गया और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
उसने यह भी बताया कि एक दिन वे अपने पशुओं के साथ थे और एक गुफा में चले गए — वहाँ से निकलते ही वे वूलपिट में पहुँच गए।
हरे रंग की त्वचा
इन बच्चों की त्वचा का रंग गहरा हरा था, जैसे किसी पौधे की पत्तियाँ। वे सामान्य मानव जैसे दिखते थे, लेकिन उनका रंग और पहनावा बिल्कुल अलग था।अजीब भाषा और व्यवहार वे कोई भी ज्ञात भाषा नहीं बोलते थे।
उन्होंने गाँव के भोजन को खाने से इनकार कर दिया — जब तक उन्हें कच्ची फलियाँ नहीं दी गईं, उन्होंने कुछ नहीं खाया।
धीरे-धीरे लड़की ने स्थानीय भाषा सीख ली, लेकिन लड़का बीमार पड़ गया और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
लड़की की गवाही: कहाँ से आए थे?
जब लड़की ने बोलना शुरू किया, उसने बताया कि वे एक ऐसी जगह से आए हैं जहाँ हमेशा धुंध रहती है और सूरज कभी नहीं निकलता। वहाँ के लोग भी हरे रंग के होते हैं। उसने उस जगह को "सेंट मार्टिन की भूमि" कहा।उसने यह भी बताया कि एक दिन वे अपने पशुओं के साथ थे और एक गुफा में चले गए — वहाँ से निकलते ही वे वूलपिट में पहुँच गए।
संभावित व्याख्याएँ
- फोलिक एसिड की कमी कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि बच्चों की हरी त्वचा फोलिक एसिड की कमी के कारण हो सकती है — जिसे क्लोरोसिस कहा जाता है।
- एलियन थ्योरी
- रहस्य प्रेमियों का मानना है कि ये बच्चे किसी दूसरे ग्रह या मल्टीवर्स से आए थे।
- अंडरग्राउंड कम्युनिटी कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वे किसी छिपी हुई भूमिगत बस्ती से आए होंगे, जहाँ जीवन अलग तरह से विकसित हुआ।
- राजनीतिक शरणार्थी
- एक थ्योरी यह भी है कि वे किसी युद्धग्रस्त क्षेत्र से भागे हुए बच्चे थे, जो भाषा और संस्कृति में अलग थे।
ऐतिहासिक स्रोत
इस घटना का उल्लेख दो मध्यकालीन इतिहासकारों ने किया है: राल्फ ऑफ कोगेशॉलविलियम ऑफ न्यूबर्ग
दोनों ने इस घटना को अलग-अलग दृष्टिकोण से लिखा, लेकिन दोनों में बच्चों की हरी त्वचा और अजीब भाषा का उल्लेख समान रूप से मिलता है।
निष्कर्ष
"ग्रीन चिल्ड्रन ऑफ वूलपिट" सिर्फ एक रहस्यमयी कहानी नहीं है — यह मानव इतिहास की उन घटनाओं में से एक है जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम सब कुछ जानते हैं? क्या हमारी दुनिया के बाहर कुछ और भी है?यह घटना आज भी रहस्य बनी हुई है। चाहे यह एक दुर्लभ बीमारी हो, एक ऐतिहासिक भ्रम, या किसी दूसरी दुनिया की झलक — यह कहानी हमें कल्पना और खोज की शक्ति का एहसास कराती है।
FYQ?
1. ग्रीन चिल्ड्रन ऑफ वूलपिट कौन थे?ये दो रहस्यमयी बच्चे थे जिनकी त्वचा हरे रंग की थी और जो 12वीं सदी में इंग्लैंड के वूलपिट गाँव में अचानक प्रकट हुए थे।
2. क्या ग्रीन चिल्ड्रन की कहानी सच्ची है?
इस घटना का उल्लेख दो मध्यकालीन इतिहासकारों ने किया है, जिससे यह एक ऐतिहासिक रहस्य बन गया है।
3. क्या ग्रीन चिल्ड्रन किसी दूसरी दुनिया से आए थे?
कुछ थ्योरीज़ के अनुसार वे किसी भूमिगत या वैकल्पिक आयाम से आए हो सकते हैं, लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
4. क्या हरे रंग की त्वचा किसी बीमारी का संकेत थी?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह फोलिक एसिड की कमी के कारण हो सकता है।
5. क्या इस घटना पर कोई फिल्म या डॉक्यूमेंट्री बनी है?
कई डॉक्यूमेंट्रीज़ और यूट्यूब वीडियो इस रहस्य को कवर कर चुके हैं, लेकिन कोई आधिकारिक फिल्म नहीं बनी है।
