हमें बचपन से सुनाया गया है कि जब भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ दी थी, तो उन्होंने समुद्र के किनारे एक नई नगरी बसाई थी—द्वारका। यह नगर सोने-चाँदी से जगमगाता था और उसकी ख्याति पूरे भारत में फैल चुकी थी। महाभारत और भागवत पुराण जैसे ग्रंथों में इसका वर्णन विस्तार से मिलता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नगरी वास्तव में थी, या यह सिर्फ एक पौराणिक कथा है?
समुद्र के गर्भ में छुपी नगरी
बीसवीं शताब्दी के अंत में वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने गुजरात के ओखा और बेट द्वारका क्षेत्र में समुद्र के भीतर गोता लगाया। वहाँ उन्हें जो अवशेष मिले, उसने सभी को हैरान कर दिया। समुद्र के अंदर दीवारों, खंभों और विशाल पत्थरों की संरचनाएँ मिलीं, जो किसी प्राचीन शहर के होने का संकेत देती थीं।कहा जाता है कि ये अवशेष करीब 9500 साल पुराने हैं। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यह दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक हो सकती है।
अब सवाल उठता है—क्या यह वही द्वारका है जिसे भगवान कृष्ण ने बसाया था?
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धार्मिक ग्रंथों से मेल खाते प्रमाण
महाभारत में लिखा है कि जब कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त हुआ और कृष्ण ने अपना धरती पर कार्य पूरा कर लिया, तो द्वारका समुद्र में डूब गई।- आज जो वैज्ञानिक प्रमाण मिले हैं, वे भी यही कहानी बताते हैं।
- ग्रंथों में वर्णन है कि यह नगर सात द्वारों से घिरा था।
- समुद्र के भीतर मिली संरचनाएँ भी कई घेरे जैसी आकृतियों में पाई गईं।
- पुरातत्वविदों को वहाँ से प्राचीन बर्तन, मूर्तियाँ और औजार भी मिले।
- यानी आस्था और विज्ञान दोनों कहीं-न-कहीं एक-दूसरे से जुड़ते दिखते हैं।
आस्था बनाम विज्ञान
जहाँ श्रद्धालु मानते हैं कि यह कृष्ण की नगरी है, वहीं कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह किसी अन्य प्राचीन सभ्यता का शहर हो सकता है।- आस्था कहती है—"कृष्ण ने द्वारका बसाई और अंत में यह समुद्र में समा गई।"
- विज्ञान कहता है—"समुद्र का स्तर समय के साथ बढ़ा, और यह प्राचीन बस्तियाँ डूब गईं।"
द्वारका का महत्व
आज भी गुजरात में द्वारका एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यहाँ द्वारकाधीश मंदिर दुनिया भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। हर साल लाखों लोग यहाँ भगवान कृष्ण के दर्शन करने आते हैं।अनसुलझा रहस्य
- तो आखिर सच्चाई क्या है?
- क्या द्वारका वास्तव में भगवान कृष्ण की नगरी थी?
- क्या यह दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता है?
- यह सिर्फ पौराणिक कथाओं को विज्ञान से जोड़ने की कोशिश है?
इन सवालों के जवाब आज भी हमारे पास नहीं हैं। शायद समय और शोध ही हमें इस रहस्य की सच्चाई बताए। लेकिन इतना तो तय है कि द्वारका का नाम लेते ही हर किसी के मन में एक अलग ही श्रद्धा और जिज्ञासा जागती है।Q1. क्या भगवान कृष्ण की द्वारका सच में समुद्र के अंदर मिली है?
Ans. हाँ, गुजरात के तट पर समुद्र के नीचे प्राचीन शहर के अवशेष मिले हैं। कई लोग इसे कृष्ण की द्वारका मानते हैं।
Q2. यह अवशेष कितने पुराने हैं?
Ans. वैज्ञानिकों के अनुसार ये करीब 9000 से 9500 साल पुराने हो सकते हैं।
Q3. क्या यह निश्चित रूप से कृष्ण की नगरी है?
Ans. अभी तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है जो सौ प्रतिशत साबित करे। लेकिन धार्मिक ग्रंथों और वैज्ञानिक खोजों में गहरा मेल पाया गया है।
Q4. क्या द्वारका मंदिर उसी जगह पर बना है जहाँ कृष्ण का महल था?
Ans. मान्यता यही है कि द्वारकाधीश मंदिर वहीं बना है जहाँ कृष्ण का राजमहल हुआ करता था।
Q5. द्वारका के रहस्य की खोज क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans. क्योंकि अगर यह प्रमाणित हो जाए कि यह कृष्ण की नगरी थी, तो यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी दुनिया को हिला देने वाली खोज होगी।
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